आज हम जानेंगे कि 2018 में कौन सा ग्रह जोड़ा गया और अब कितने ग्रह हैं? सभी ग्रहों के बारे में पूरे विस्तार से समझेंगे तो आप शुरू से लेकर अंत तक अच्छी तरीके से समझने की कोशिश करें हम इसमें आसान से आसान भाषा में और इमेज के साथ समझाने की कोशिश करेंगे तो चलिए जान लेते हैं कि ग्रह क्या होते हैं और कितने हैं?
![]() |
| 2018 में कौन सा ग्रह जोड़ा गया और अब कितने ग्रह हैं? |
ग्रह (The Planet)
वैसा आकाशीय पिंड जिसके पास ना अपनी ऊष्मा को और ना ही अपना प्रकाश हो वह ऊष्मा तथा प्रकाश के लिए वह अपने निकटतम तारा सूर्य पर आधारित है। जिसे हम ग्रह कहते हैं। यह तारे पर आश्रित होता है। उसी का चक्कर लगाता है। प्रारंभ में ग्रहों की संख्या 9 थी किंतु वर्तमान में 8 ग्रह है।
ग्रहों को दो श्रेणियों में बैठते हैं जो निम्न है :–
- पार्थिव ग्रह (Teristrial)
- जोवियन ग्रह (Jovian Planet)
अब हम इन दोनों को विस्तार से समझते हैं।
पार्थिव ग्रह (Teristrial)
इन्हें आंतरिक ग्रह भी कहते हैं। यह पृथ्वी से समानता रखते हैं। इनका घनत्व अधिक होता है तथा वे ठोस अवस्था में होते हैं। इनके उपग्रह कम होते हैं या तो होते ही नहीं है इन ग्रहों की संख्या 4 हैं। जो कुछ इस प्रकार है :–
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
अब हम आगे जानते हैं कि जोवियन ग्रह क्या होते हैं?
जोवियन ग्रह (Jovian Planet)
इसे बाहरी ग्रह भी कहते हैं। यह बृहस्पति से समानता रखते हैं। उनका आकार बड़ा होता है किंतु घनत्व कम होता है यह गैस की अवस्था में पाए जाते हैं। इनके उपग्रहों की संख्या अत्यधिक होती हैं। बाहरी ग्रहों की संख्या चार हैं जो कुछ इस प्रकार हैं :–
- बृहस्पति
- शनी
- अरुण
- वरुण
बुध ग्रह (Mercury Planet)
इसका नामकरण रोमन संदेशवाहक देवता के नाम पर हुआ है। इस ग्रह पर वायुमंडल उपस्थित नहीं है किंतु बहुत ही कम मात्रा में यहां ऑक्सीजन पाया जाता है। वायुमंडल ना होने के कारण यह ऊष्मा को रोक नहीं पाता है। जिस कारण दिन में इसका तापमान 420 डिग्री सेल्सियस (420°C) तथा रात में 180 डिग्री सेल्सियस (180°C) तापमान हो जाता है अर्थात इस ग्रह पर सर्वाधिक तापांतर 6000 डिग्री सेल्सियस (6000°C) का देखा जाता है।
![]() |
| बुध ग्रह (Mercury Planet) |
अतः यहां जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती वायुमंडल ना होने के कारण इस ग्रह पर सर्वाधिक उल्कापात हुआ है। जिस कारण वहां बहुत बड़े-बड़े गड्ढे (ग्रेटर) बने हैं। सबसे बड़ा गड्ढे (ग्रेटर) कोरोलिस बेलीन है।
शुक्र ग्रह (Planet Venus)
इस ग्रह पर सर्वाधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पाया जाता है। जो सूर्य से आने वाले सभी ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है और उसे जाने नहीं देता जिस कारण यह सबसे गर्म तथा चमकीला ग्रह है। इसे सौरमंडल की परी भी कहा जाता है। इस पर प्रेशरकुकर के समान स्थिति पाई जाती है। जिस कारण इसे Vaulted Planet (दम घुटने वाला ग्रह) कहते हैं। यह पृथ्वी से समानता रखता है अतः इसे पृथ्वी का जुड़वा बहन जैसे आदि नाम से जानते हैं। यह अपने कक्ष पर उल्टा अर्थात पूरब से पश्चिम घूमता है। जिस कारण यहां सूर्योदय पश्चिम से होता है। यह अपने कक्ष पर 243 दिन में घूमता है। जबकि सूर्य का परिक्रमण 224 दिन में पूरा करता है। अर्थात इस ग्रह का घुरण और परिक्रमण समान है। अर्थात इस ग्रह पर एक दिन 1 वर्ष के बराबर होगा बुध तथा शुक्र के पास उपग्रह नहीं है इसके उपग्रह को सूर्य ने अपनी ओर खींच लिया है।
![]() |
| शुक्र ग्रह (Planet Venus) |
पृथ्वी (Earth)/(Globe)
पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। जल की अधिकता के कारण इसे नीला ग्रह भी कहते हैं। इस पर 71% जल है और 19% स्थल है। पृथ्वी का घनत्व सर्वाधिक ( 5 gm/cm³ ) हैं। पृथ्वी ध्रुव पर चपटी है और पृथ्वी के इस आकृति को Globe भी कहते हैं। पृथ्वी का विषुवरेखीय व्यास 12756 किलोमीटर है। जबकि ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। इसके ध्रुवीय तथा विश्वतरेखीय व्यास में 49 किलोमीटर का अंतर है।
पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। जल की अधिकता के कारण इसे नीला ग्रह भी कहते हैं। इस पर 71% जल है और 19% स्थल है। पृथ्वी का घनत्व सर्वाधिक ( 5 gm/cm³ ) हैं। पृथ्वी ध्रुव पर चपटी है और पृथ्वी के इस आकृति को Globe भी कहते हैं। पृथ्वी का विषुवरेखीय व्यास 12756 किलोमीटर है। जबकि ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। इसके ध्रुवीय तथा विश्वतरेखीय व्यास में 49 किलोमीटर का अंतर है।
![]() |
| पृथ्वी (Earth)/(Globe) |
मंगल ग्रह (Mars Planet)
इस पर आयरन ऑक्साइड की अधिकता है। जिस कारण इसका रंग लाल दिखता है। यह 25 डिग्री (25°) पर झुका हुआ है। जिस कारण इस पर पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन देखे जाते हैं। इस ग्रह पर जीवन की संभावना सर्वाधिक है। इस ग्रह पर पूरे सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत Mix Olympia है। जिसकी ऊंचाई 30,000 किलोमीटर है, जो माउंट एवरेस्ट से भी 3 गुना अधिक ऊंचा है।
![]() |
| मंगल ग्रह (Mars Planet) |
बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet)
बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है, किंतु यह गैस अवस्था में है। इस पर Sulfur dioxide की अधिकता है जिस कारण इसका रंग हल्का पीला दिखता है। यह एक मात्र ऐसा ग्रह है, जो हिमरहित है यह अपने अक्ष पर सबसे तेज घूमता है। जो लगभग 9½ घंटे में पूरा होता है। बृहस्पति के 79 उपग्रहों में से केवल 16 उपग्रहों को मान्यता प्राप्त है। इसका सबसे बड़ा उपग्रह गेनीमेड है। बृहस्पति के अत्यधिक विशालता के कारण इसे तारा सदृश्य ग्रह भी कहते हैं।
![]() |
| बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet) |
शनि ग्रह (Saturn Planet)
शनि ग्रह सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है। इसका घनत्व 0.7 g/Cm³ है। कम घनत्व के कारण यह पानी में नहीं डूबता इस ग्रह के चारों और 7 छल्ले (वलय)वाले हैं। जिन्हें A, B, C, D, E, F, G कहते हैं। यह वलय इसी ग्रह का टुकड़ा है, जो शनि के गुरुत्वाकर्षण के कारण इसी के समीप रहते हैं। इस छल्लो के कारण ही सनी को आकाशगंगा सदस्य ग्रह कहते हैं। शनि के 62 उपग्रह में से 21 उपग्रहों को मान्यता प्राप्त है। अतः सर्वाधिक उपग्रह वाला ग्रह की संख्या में शनि का स्थान प्रथम हो जाता है। टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है।
![]() |
| शनि ग्रह (Saturn Planet) |
अरुण ग्रह (Uranus Planet)
अरुण अपने अक्ष पर अत्यधिक झुकाव के कारण लेटा हुआ है। इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं। द्वितीय लेटा हुआ ग्रह शुक्र को कहा जाता है। इसे आधुनिक ग्रह भी कहते हैं, उस पर मीथेन की अधिकता होने के कारण हरा दिखता है। यह अपने अक्ष पर उल्टा घूमता है। जिस कारण वहां सूर्यउदय पश्चिम से होता है। इस ग्रह के भी बाहर 5 वलय घूमते हैं। इसके 15 उपग्रह हैं जिनमें ट्रीटेनीया सबसे बड़ा उपग्रह है।
![]() |
| अरुण ग्रह (Uranus Planet) |
वरुण ग्रह (Neptune Planet)
वरुण सबसे दूरी पर स्थित ग्रह है। यह सूर्य का परिक्रमा लगभग 164 वर्ष में पूरा करता है। इस पर भी मेथेन की अधिकता है, जिससे यह नीला दिखता है। इसलिए इसे अरुण का भाग भी कहते हैं। इसे 8 उपग्रह है। जिसमें ट्रीटेन सबसे प्रमुख है।
![]() |
| वरुण ग्रह (Neptune Planet) |
ग्रहों के रंग (Colour of Plants)
| ग्रह | रंग |
|---|---|
| बुध | Grey |
| शुक्र | Yellow |
| पृथ्वी | Blue |
| मंगल | Red + Redish brown |
| बृहस्पति | Orange + White Band |
| शनि | Gold |
| अरुण | Blue + Green |
| वरुण | Blue |
प्लूटो (यम)
यह नौवा ग्रह था, किंतु 24 अगस्त 2006 को चेक गणराज्य की राजधानी प्रान में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की बैठक हुई जिसमें प्लूटो (यम) को ग्रह की श्रेणी से निकालकर बौना ग्रह में डाल दिया गया अभी प्लूटो (यम) का नाम 194940 है। प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से निकालने के तीन कारण थे। जो कुछ इस प्रकार है :–
- इसका आकार अत्यधिक छोटा था।
- इसकी कक्षा दीर्घ वृत्तीय नहीं थी।
- इसकी कक्षा वरुण की कक्षा को काटती थी
Conclusion,
हमें उम्मीद है कि आप को अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि 2018 में कौन सा ग्रह जोड़ा गया और अब कितने ग्रह हैं? भी समझ में आ गया होगा अगर कोई जानकारी रह गई हो तो हमें Comment करके जरूर बताएं और अपने प्यारे दोस्त को भी जरूर Share करें जिससे यह जानकारी उन्हें भी आसान भाषा में प्राप्त हो सके और अपने सोशल मीडिया जैसे Facebook, WhatsApp, Telegram पर भी इन्हें जरूर शेयर करें तो मिलते हैं ऐसे ही information article के साथ जब तक के लिए बाय
_जय हिंद जय भारत
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से बहुत धन्यवाद








