आज हम जानेंगे कि पृथ्वी ब्रह्मांड में अकेला जीवित ग्रह क्यों है? के बारे में पूरे विस्तार से समझेंगे तो आप शुरू से लेकर अंत तक अच्छी तरीके से समझने की कोशिश करें हम इसमें आसान से आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे तो चलिए पहले जान लेते हैं कि आखिर पृथ्वी है क्या?
पृथ्वी ब्रह्मांड में अकेला जीवित ग्रह क्यों है? (Why is Earth the only living planet in the universe?) |
पृथ्वी ब्रह्मांड में अकेला जीवित ग्रह क्यों है? (Why is Earth the only living planet in the universe?)
हमारे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन संभव है। परंतु यह पृथ्वी पर ही क्यों है। हम लोगों को पता है कि एक मनुष्य को जीने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जो पृथ्वी पर मौजूद है और किसी भी ग्रहों पर ऑक्सीजन की मात्रा नहीं है। जिससे मनुष्य किसी और ग्रह पर जीवित रह सके। जल के बिना भी मनुष्य जीवित बिल्कुल भी नहीं रह सकता जो पृथ्वी पर उपस्थित है। यह भी एक कारण है कि पृथ्वी ब्रह्मांड में एक अकेला जीवित ग्रह है। अगर मनुष्य को जीवित रहना है तो हवा पानी और भोजन की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति पृथ्वी पर भरपूर रूप से मौजूद है अगर यह तीन चीज मनुष्य को ना मिले तो मनुष्य का जीवन ही संभव नहीं है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है, कि हमारे आने वाले समय में मंगल ग्रह पर इंसान बस सकते हैं। परंतु यह अभी तक संभव हुआ नहीं है।
Earth |
पृथ्वी (Earth)/(Globe)
पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। जल की अधिकता के कारण इसे नीला ग्रह भी कहते हैं। इस पर 71% जल है और 19% स्थल है। पृथ्वी का घनत्व सर्वाधिक ( 5 gm/cm³ ) हैं। पृथ्वी ध्रुव पर चपटी है और पृथ्वी के इस आकृति को Globe भी कहते हैं। पृथ्वी का विषुवरेखीय व्यास 12756 किलोमीटर है। जबकि ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है। इसके ध्रुवीय तथा विश्वतरेखीय व्यास में 49 किलोमीटर का अंतर है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर 23½° झुकी हुई है। जबकि अपने तल पर 66½° झुकी हुई है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है और एक घूर्णन 24 घंटा यानी ( 23 घंटा 56 मिनट 43 सेकंड ) में पूरा करती है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण निम्नलिखित घटनाएं होती हैं, जो कुछ इस प्रकार है :–
- दिन और रात का होना।
- समीर का उत्पन्न होना।
- ज्वार भाटा का उत्पन्न होना।
- कोरोयोलिस बल का उत्पन्न होना।
पृथ्वी सूर्य का परिक्रमण 365 दिन 5 घंटा 48 मिनट 44 सेकंड ( 365 दिन 6 घंटा ) में पूरा करती है। परिक्रमण के कारण निम्नलिखित घटनाएं होती हैं, जो कुछ इस प्रकार है :–
- ऋतु परिवर्तन
- दिन की अवधि का बड़ा व छोटा होना
- ध्रुवों पर 6 महीने दिन तथा 6 महीने रात का होना
नोट : 6 महीने दिन तथा 6 महीने रात होने में 2 घटनाएं भाग लेती हैं
- पृथ्वी का परिक्रमण
- अक्ष का झुकाव
Conclusion,
हमें उम्मीद है कि आप को अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि पृथ्वी ब्रह्मांड में अकेला जीवित ग्रह क्यों है? (Why is Earth the only living planet in the universe?) भी समझ में आ गया होगा अगर कोई जानकारी रह गई हो तो हमें Comment करके जरूर बताएं और अपने प्यारे दोस्त को भी जरूर Share करें जिससे यह जानकारी उन्हें भी आसान भाषा में प्राप्त हो सके और अपने सोशल मीडिया जैसे Facebook, WhatsApp, Telegram पर भी इन्हें जरूर शेयर करें तो मिलते हैं ऐसे ही information article के साथ जब तक के लिए बाय
_जय हिंद जय भारत
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से बहुत धन्यवाद