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उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North) और इस जुड़े सारी जानकारी को पूरे विस्तार

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आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North) और इस जुड़े सारी जानकारी को पूरे विस्तार से जानेंगे तो आर्टिकल के साथ शुरू से लेकर अंत तक बने रहें और ध्यान से पढ़ें इसमें आपको बहुत ही ज्यादा आसान भाषा में उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North) समझाया गया है। वह भी इमेज के साथ तो चलिए शुरू करते हैं और जान लेते हैं कि उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North) क्या है।

उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North)

उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North)

     हिमालय पर्वत के दक्षिण में सिंधु गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा निर्मित मैदान विशाल मैदान (The Great Plain) कहलाता है।

कुल क्षेत्र : 7 Lakh sq.km

पूर्व से पश्चिम लम्बाई : 3200km 

चौड़ाई : 100-150km 

    समृद्ध मृदा आवरण, पानी की पर्याप्त उपलब्धता एवं अनुकूल जलवायु के कारण कृषि की दृष्टि से यह भारत का अत्यधिक उपजाऊ मैदान है। इसलिए यह सघन जनसंख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र भी है।

उत्तर के विशाल मैदान का विभाजन (Division of The Vast Complex of The North)

विशाल मैदान का विभाज मुख्य 6 भागों में किया जा सकता है। जो कुछ इस प्रकार हैं।

  1. भाबर
  2. तराई
  3. बांगर
  4. खादर (कछारी)
  5. रेह (कल्लर)
  6. डेलटा 

भाबर प्रदेश (Bhabar Region)

     यह शिवालिक के गिरिपाद प्रदेश में (छोटे-बड़े पत्थरों के टुकड़ों- जलोढ़ पंख) का निक्षेप करती है। जिसे भाबर नाम दिया गया है। यह प्रदेश कृषि के लिये नहीं है। यह नदियाँ लुप्त हो जाती है।

तराई प्रदेश (Terai Region)

     भाबर के दक्षिण में मैदान का वह भाग जहाँ भाबर की लुप्त नदियाँ फिर से भूतल पर प्रकट हो जाती है। तराई प्रदेश कहलाता है।

यहाँ पर अधिकांश भाग दल-दल होता है। यहाँ पर वन तथा विभिन्न प्रकार के वन्य प्रणाली पाये जाते हैं। यहाँ मच्छरों का प्रकोप होता है।

कॉप प्रदेश (Coop Territory)

     काप रेत की कम मात्रा रखने वाली सख्त चिकनी मिट्टी की भांति होती है। इस मिट्टी को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है।

  1. खादर मिट्टी प्रदेश (Saline Soil)
  2. बांगर मिट्टी प्रदेश (Bangar Soil Region)

खादर मिट्टी प्रदेश (Saline Soil)

  • जहाँ पर बाढ़ का पानी प्रतिवर्ष पहुँचता है।
  • इसे नदियों का बाढ़ का मैदान या कछारी प्रदेश करते हैं।
  • प्रतिवर्ष बाढ़ के जल से यहाँ की मिट्टी नवीन जलोढ़ होती है।
  • इसका रंग हल्का तथा बालू व कंकड़ युक्त है।

बांगर मिट्टी प्रदेश (Bangar Soil Region)

  • उत्तरी मैदान का सबसे विशालतम भाग पुराने जलोढ़ मिट्टी से बना है। इस मैदान के अधिक ऊंचा होने के कारण यहाँ नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता है। अतः यहाँ पुरानी काप मिट्टी ही पायी जाती है।

रेह (कल्लर) Reh (Kallar)

  • बांगर मिट्टी के क्षेत्रों में जहाँ सिंचाई कार्यों की अधिकता होती है। वही पर कहीं-कहीं एक नमकीन परत या सफेद परत बिछी हुई होती है। इसे ही रेह या कलहर कहते हैं।
  • यह UP (उत्तर प्रदेश) तथा हरियाणा, पंजाब के शुष्क भागों में पायी जाती है।

डेल्टा (Delta) 

  • गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने मुहानों के निकट विशाल डेल्टा (Delta) का निर्माण किया है। जो भारत व बांग्लादेश में विस्तृत है।
उत्तर के विशाल मैदान का प्रादेशिक विभाजन (Territorial Division of The Great Plains of The North)

उत्तर के विशाल मैदान का प्रादेशिक विभाजन (Territorial Division of The Great Plains of The North)

सिन्धु तंत्र का मैदान (Plains of Indus Tantra)

  • उत्तरी मैदान के पश्चिमी भाग को पंजाब का मैदान कहा जाता है। सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलज द्वारा निर्मित किये गये मैदान का बहुत बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में है। 
  • इन पाँचों नदियों का संगम पाकिस्तान के मिठानकोट नामक जगह पर होता है।
  • भारत में पंजाब व हरिणा का पश्चिमी भाग सम्मिलित है इस क्षेत्र में दोआब की संख्या बहुत अधिक है।

दोआब : दो नदियों के बीच का क्षेत्र 

  • सिन्धु और झेलम का दोआब : सिन्धु सागर दोआब
  • झेलम और चिनाब का दोआब : चाझ दोआब 
  • चिनाब और रावी का दोआब : रचना दोआब
  • रावी और व्यास का दोआब : ऊपरी दोआब / बारी दोआब
  • व्यास और सतलज का दोआब : विरट दोआब 

गंगा का मैदान (Gangetic Plain)

  • यमुना नदी से लेकर पूर्व में बांग्लादेश के पश्चिमी सीमा तक विस्तृत मैदान को मध्यवर्ती मैदान या गंगा का मैदान कहते हैं।
  • इसका विस्तार 1400km की लम्बाई हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल तक है।
  • यह मैदान हिमालय से निकलने वाली गंगा तथा इसकी निक्षेप किया द्वारा बनाया गया है। इस मैदान पर नदियों का जाल फैला हुआ है। प्रतिवर्ष हजारों टन मिट्टी यहाँ लाकर निक्षेप करती हैं। भू-आकृतिक दृष्टि से बंगर और खादर इसके दो भाग हैं।
  • मैदान को निम्न तीन भागों में बाँटा गया है। जो कुछ इस प्रकार हैं।

  1. ऊपरी गंगा का मैदान दिल्ली से इलाहाबाद (पश्चिमी यू.प) 
  2. मध्य गंगा का मैदान : इलाहाबाद से फरक्का ( UP + Bihar )
  3. निम्न गंगा का मैदान गंगा को डेल्टाई प्रदेश ( Bihar + बंगाल)

ऊपरी गंगा का मैदान (Upper Gangetic Plain)

  • विस्तार : पश्चिमी उत्तरी प्रदेश में विस्तृत
  • पश्चिम में यमुना नदी इसकी प्राकृतिक सीमा है।
  • उत्तरी गंगा के मैदान की प्रमुख नदियाँ गंगा, यमुना, रामगंगा गंडक, घाघरा है।

मध्य गंगा का मैदान (Middle Gangetic Plain)

  • विस्तार यह उत्तरी बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश तक विस्तृत है।
  • यह मैदान नदियों के प्रवाह मार्ग में परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित है।
  • कोसी नदी इसका उदाहरण है

निम्न गंगा का मैदान (lower Gangetic Plain)

  • विस्तार : हिमालय की तलछटी से लम्बाकार गंगा के डेल्टा तक पश्चिम बंगाल में है ।
  • इस प्रदेश में दार्जिलिंग के उत्तर पर्वतीय क्षेत्र तथा पश्चिम में स्थित पुरुलिया जिले के अलावा सम्पूर्ण पश्चिम बंगाल सम्मिलित है।
  • जलपाईगुड़ी तथा दार्जिलिंग जिले का पर्वत पदीप एवं तराई का क्षेत्र दुआर कहलाता है।

ब्रह्मपुत्र का मैदान (Brahmaputra Plain)

  • इस मैदान का निर्माण ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा किया गया है। 
  • इसे असम घाटी / ब्रह्मपुत्र घाटी कहते हैं। यह तीन ओर से पर्वतों से तथा पहाड़ियों से घिरा हुआ है। 
  • मिट्टी के भारी जमाव के कारण कहीं-कहीं द्वीप भी निर्मित हो गये हैं। ऐसा ही एक द्वीप असम में माजुली द्वीप है। जो कि दुनिया का सबसे बड़ा नदी निर्मित द्वीप है।

गंगा का मैदान (Gangetic Plain)

Conclusion,

हमें उम्मीद है कि आप को अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि उत्तर का विशाल मैदान (The Great Plain of The North) और इस जुड़े सारी जानकारी को पूरे विस्तार से समझ में आ गया होगा अगर कोई जानकारी रह गई हो तो हमें Comment करके जरूर बताएं और अपने प्यारे दोस्त को भी जरूर Share करें जिससे यह जानकारी उन्हें भी आसान भाषा में प्राप्त हो सके और अपने सोशल मीडिया जैसे Facebook, WhatsApp, Telegram पर भी इन्हें जरूर शेयर करें तो मिलते हैं ऐसे ही information article के साथ जब तक के लिए बाय 

_जय हिंद जय भारत

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से बहुत धन्यवा

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Hello friends, I am your friend Tejasvi Pratap Yadav, Technical Author of Super Study Hindi . Talking about my education, I am a regular student of BSC. I like to learn new technology and also things related to Subjects in detail and teach it to oth…

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