आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि हमारे भारत की जलवायु (India's climate) क्या है? जलवायु किसे कहते हैं व भारत में चार प्रकार की ऋतु [शीत ऋतु (Winter Season), ग्रीष्म ऋतु (Summer Season), वर्षा ऋतु (Rainy Season), शरद ऋतु (Winter Season)] को पूरे विस्तार से जानेंगे तो आर्टिकल के साथ शुरू से लेकर अंत तक बने रहें और ध्यान से पढ़ें इसमें आपको बहुत ही ज्यादा आसान भाषा में भारत की जलवायु (India's climate) क्या है? समझाया गया है वह भी इमेज के साथ तो चलिए शुरू करते हैं और जान लेते हैं कि भारत की जलवायु (India's climate) क्या है?
भारत की जलवायु (India's climate) |
भारत की जलवायु (India's climate) को समझने के लिए सबसे पहले आपको मानसून को समझना पड़ेगा? अच्छे तरीके से समझने के लिए पहले इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
जलवायु (Climate)
किसी खास जगह जिसके बारे में आप को सटीक जानकारी हो उसी को जलवायु (Climate) कहते हैं। मौसम का अनुभव जब हमें हो जाता है, तो उसका अंदाजा हमें लग जाता है और इसी अनुभव को हम जलवायु (Climate) कहते हैं। भारत की जलवायु हमेशा एक नहीं रहती है। हमारी हर चीज जलवायु (Climate) पर ही निर्भर करती है। हमारे देश में एक जैसी जलवायु (Climate) नहीं पाई जाती है। हम लोग जलवायु को ऋतुओ में बाट देते हैं। जो कुछ इस प्रकार हैं :
भारत में चार प्रकार की ऋतु पाई जाती हैं।
No. | ऋतुएं | महीना |
---|---|---|
(1) | शीत ऋतु (Winter Season) | 15 दिसंबर से 15 मार्च तक |
(2) | ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) | 15 मार्च से 15 दिसंबर तक |
(3) | वर्षा ऋतु (Rainy Season) | 15 जून से 15 दिसंबर तक |
(4) | शरद ऋतु (Winter Season) | 15 सितंबर से 15 दिसंबर के बीच |
शीत ऋतु (Winter Season)
शीत ऋतु (Winter Season) 15 दिसंबर से 15 मार्च तक होता है। ऋतु को सबसे ज्यादा चेंज करने में मुख्य भूमिका सूर्य का होता है। हमारे पृथ्वी पर तीन महत्वपूर्ण रेखाएं हैं।
- कर्क रेखा (Tropic of Cancer)
- मकर रेखा (Tropic of Capricorn)
- विषुवत रेखा (Equator)
जब शीत ऋतु (Winter Season) का समय होता है तो सूर्य मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर चला जाता है। जिस वजह से भारत की दूरी सूर्य से बढ़ जाती है। जिस कारण भारत में ठंड पड़ने लगता है। ठंडी हवाएं भारी होती है क्योंकि इसमें नमी की मात्रा अधिक होती है। जिस कारण हवाएं भारी होकर नीचे बैठ जाती हैं। जिसके कारण उत्तर भारत में ठंडी हवाएं बहुत तेजी से चलने लगती है क्योंकि इसको बहने का रास्ता नहीं मिलता हैं। उत्तर भारत में हिमालय खड़ा है और हिमालय पूरा बर्फ का है। उससे टकराकर हवाएं बहुत तेजी से निकलती हैं। जिससे उत्तर प्रदेश (UP), बिहार (Bihar) पूरे उत्तर भारत के लोग इसे शीतलहर (Cold wave)कहते हैं। इस ठंड के दिन में वर्षा नहीं होती है। इस ठंड के दिन में वर्षा नहीं होना चाहिए, क्योंकि वर्षा के दिन भाग बनना जरूरी है ठंड के दिन में वर्षा नहीं होता होना चाहिए लेकिन ठंड के दिनों में भारत में दो जगहों पर थोड़ी वर्षा हो जाती है। उत्तर भारत और तमिलनाडु में जनवरी के महीने में थोड़ी-थोड़ी वर्षा हो जाती है। ठंड के दिन में भारत में वर्षा का कारण मानसून नहीं है। ठंड के दिन में सूर्य मकर रेखा (Tropic of Capricorn) पर चला जाता है और भारत में उच्च दाव बन जाता है। अब हम जान लेते हैं कि ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) क्या है?
शीत ऋतु (Winter Season) |
ग्रीष्म ऋतु (Summer Season)
ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) 15 मार्च से 15 दिसंबर तक होता है। गर्मी के दिन में सूर्य जून के महीने होने के कारण कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर चला जाता है और वहां की हवाओं का को गर्म करके ऊपर उठा देता है। जिस वजह से वहां हवाओं की कमी देखने को मिलती है। वहां के हवाओं की कमी को पूरा करने के लिए हवाएं बहुत तेजी से चलने लगती हैं और आंधी (Storm) का रूप ले लेती है। इस हवाओं को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जानते हैं। बंगाल में इसे वैशाखी , पंजाब में धूल भरी आंधी , उत्तर प्रदेश (UP), बिहार (Bihar) में इसे लूं , असम में वोडो-चिल्ली के नाम से पुकारते हैं।
- बादल को वर्षा ऋतु में बरसना चाहिए लेकिन कभी-कभी यह वर्षा पहले ही हों जाती है। जिसे प्रीमानसून (Premonsoon) कहते हैं।
- मानसून जब बरसता है, तो मौसम ठंडा रहता है लेकिन प्रीमानसून (Premonsoon) जब बरसता है तो गर्मी और वर्षा दोनों होने लगती है। यह किसी-किसी चीज के लिए फायदा हो जाता है :– जैसे अंगूर, आम, फूल कभी-कभी प्रीमानसून (Premonsoon) अच्छा साबित हो जाता है। असम में चाय की खेती बहुत अच्छी हो जाती है। इसी कारण असम के लोग इस प्रीमानसून (Premonsoon) का इंतजार करते रहते हैं और वह कहते हैं कि यह वर्षा नहीं यह झरना के समान है। इसलिए असम के लोग इसे Tea shower (चाय की बौछार) कहते हैं। कर्नाटक में फूलों की खेती होती है और फूलों की खेती के लिए यह प्रीमानसून (Premonsoon) वर्षा अच्छा काम कर देता है तो वहां के लोग इसे चेरी ब्लॉसम (Cherry Blossom) और केरल के लोग Mango shower (मैंगो शावर) कहते हैं।
वर्षा ऋतु (Rainy Season)
वर्षा ऋतु (Rainy Season) 15 जून से 15 दिसंबर तक होता है। इस समय मानसून का आगमन होता है। मानसून की उत्पत्ति अरबी भाषा के मासिम सबसे हुआ है जिसका अर्थ होता है ऋतु के अनुसार वायु की दिशा में परिवर्तन कर देता है। भारत में मानसून दक्षिण पश्चिम दिशा से जून के पहले सप्ताह में केरल में प्रवेश करता है और 15 जुलाई तक पूरे भारत में फैल जाता है। सबसे अंत में पंजाब में सबसे ज्यादा वर्षा मेघालय के मानसीराम में 14 सेंटीमीटर (14cm) वर्षा होती है। रेंन गेज में वर्षा को मापते हैं। सबसे कम वर्षा होती है लौटते मानसून में वर्षा आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में होती है।
भारत में मानसून दो दिशा में आती है :
- भारत में आने वाले मानसून दक्षिण-पश्चिम मानसून होता है। यह मानसून 80% वर्षा कराती है।
- भारत में लौटने वाले मानसून उत्तर-पूर्व मानसून होता है। जो 17% वर्षा कराती है।
- शेष 3% वर्षा पश्चिमी विक्षोभ कराती हैं।
शरद ऋतु (Winter Season)
शरद ऋतु (Winter Season) 15 सितंबर से 15 दिसंबर के बीच होता है। इस समय मानसून लौट चुका होता है। लौटने के कारण आसमान पूरी तरह से साफ हो चुका रहता है। जिस कारण चिलचिलाती धूप पढ़ती है। इस समय मौसम सामान्य रहता हैं, क्योंकि सूर्य हमसे दूर जा रहा होता है।
शरद ऋतु (Winter Season)Conclusion,हमें उम्मीद है कि आप को अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि भारत की जलवायु (India's climate) क्या है? व भारत में चार प्रकार की ऋतु ,शीत ऋतु (Winter Season), ग्रीष्म ऋतु (Summer Season), वर्षा ऋतु (Rainy Season), शरद ऋतु (Winter Season) भी समझ में आ गया होगा अगर कोई जानकारी रह गई हो तो हमें Comment करके जरूर बताएं और अपने प्यारे दोस्त को भी जरूर Share करें जिससे यह जानकारी उन्हें भी आसान भाषा में प्राप्त हो सके और अपने सोशल मीडिया जैसे Facebook, WhatsApp, Telegram पर भी इन्हें जरूर शेयर करें तो मिलते हैं ऐसे ही information article के साथ जब तक के लिए बाय _जय हिंद जय भारत |
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